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Greater Nida News: ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने सड़क किनारे कूड़ा फेंकने वालों पर सख्ती बढ़ा दी है. सफाई टीमें कूड़े के ढेर से बिल, पैकेट और पते वाले सबूत खोजकर दोषियों की पहचान कर रही हैं. डोर-टू-डोर कलेक्शन के बावजूद बाहर कूड़ा फेंकने वालों पर अब सीधे कार्रवाई की जा रही है.
ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा में स्वच्छता को लेकर चल रही लापरवाही पर अब ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने बड़ा कदम उठाया है. शहर को साफ-सुथरा और सुंदर बनाए रखने के लिए अथॉरिटी ने अपने स्वच्छता अभियान को पहले से कहीं अधिक कठोर कर दिया है. लंबे समय से यह शिकायत सामने आ रही थी कि कुछ लोग डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण व्यवस्था होने के बावजूद कूड़ा निर्धारित समय पर कलेक्शन वाहन को देने के बजाय घरों से बाहर सड़क किनारे या गलियों में फेंक देते हैं. इससे शहर में गंदगी फैलने के साथ-साथ बीमारी का खतरा भी बढ़ता है. इसी समस्या को गंभीरता से लेते हुए अथॉरिटी ने अब एक नई पहल की शुरुआत की है. कूड़े के ढेर से ही दोषियों के खिलाफ सबूत तलाशने की पहल.
अथॉरिटी की सफाई विभाग की टीमें इन दिनों सेक्टरों में नियमित रूप से अभियान चला रही हैं. जहां-जहां कूड़े के ढेर मिलते हैं, वहां टीम सबसे पहले कूड़े की बोरियों और बैगों की तलाशी लेती है. आश्चर्य की बात यह है कि कई स्थानों पर कूड़े के साथ ही ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे संबंधित व्यक्ति या घर की पहचान आसानी से की जा सकती है. इसमें ऑनलाइन डिलीवरी पैकेजिंग, बिल, पते वाले लिफाफे और अन्य कागजात शामिल हैं. इन्हीं सबूतों के आधार पर अथॉरिटी दोषियों के घर तक पहुंचकर कार्रवाई कर रही है.
अधिकारियों का कहना है कि पहली बार गलती पाए जाने पर 500 रुपये तक का चालान जारी किया जाता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति दोबारा ऐसा करता है तो जुर्माने की राशि और भी अधिक होगी. यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि चेतावनियों, नोटिस और जागरूकता अभियानों के बाद भी कई लोग आदत नहीं बदल पा रहे थे. एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने बताया कि कई सेक्टरों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण प्रतिदिन निश्चित समय पर किया जा रहा है. इसके बावजूद लोग कचरा वाहन को न देकर सड़क पर फेंक देते हैं, जिससे सफाई व्यवस्था बाधित होती है. उन्होंने कहा कि शुरुआत में लोगों को चेतावनी देकर समझाया जा रहा है, लेकिन आगे चलकर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के नियमों के तहत पेनल्टी भी लगाई जाएगी.
बताया कि यह सख़्ती सिर्फ जुर्माना वसूलने के लिए नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य लोगों की आदतों में बदलाव लाना है. यदि हर नागरिक थोड़ी सी जिम्मेदारी दिखाए और कचरा केवल निर्धारित वाहनों या डस्टबिन में ही डाले, तो शहर की स्वच्छता और स्वास्थ्य स्तर दोनों में बड़ा सुधार आ सकता है. आने वाले दिनों में इस अभियान को और भी व्यापक स्तर पर चलाया जाएगा, ताकि ग्रेटर नोएडा को एक स्वच्छ और सुरक्षित शहर बनाया जा सके.
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पिछले एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. 2010 से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की, जिसके बाद यह सफर निरंतर आगे बढ़ता गया. प्रिंट, टीवी और डिजिटल-तीनों ही माध्यमों में रिपोर्टिंग से ल…और पढ़ें



